जबलपुर. राष्ट्रीय स्तर पर संचार और मीडिया के क्षेत्र में कार्यरत संस्था स्पंदन द्वारा नवजात देखभाल विषय पर विभिन्न पंथ-समाजों के प्रतिनिधियों की संवाद कार्यशाला की जा रही है. संवाद का आयोजन 12 नवम्बर को नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विश्ववविद्यालय में होगा. इसमें मध्यप्रदेश के विभिन्न हिस्सों से अलग-अलग मत-पंथों और सामाजिक क्षेत्र के प्रतिनिधि भागीदारी करेंगे. यह आयोजन अंतर्राष्ट्रीय संस्था यूनीसेफ के सहयोग से हो रहा है.
उल्लेखनीय है कि स्पंदन राष्ट्रीय स्तर पर शोध, जागरूकता एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन के क्षेत्र में कार्यरत संस्थान है. संस्थान गत कई वर्षों से विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं राष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से “मीडिया चौपाल” का आयोजन करते आ रहा है. इसी कड़ी में संस्थान यूनीसेफ के सहयोग से विभिन्न मुद्दों पर अंत:पांथिक व सामाजिक-सांस्कृतिक प्रमुखों का संवाद कार्यक्रम भी आयोजित कर रहा है l
संस्था का दृढ मत है कि संचारकों, विशेषकर पंथ-प्रधानों, सामाजिक-सांस्कृतिक प्रमुखों व नेतृत्त्वकर्ताओं और मत-निर्माताओं की प्रभावी भूमिका के बिना सामाजिक उन्नयन एवं सकारात्मक परिवर्तन संभव नहीं है। अत: सामाजिक महत्त्व के मुद्दों पर विभिन्न मत-पंथ, सम्प्रदाय, सामाजिक-सांस्कृतिक समूहों के प्रमुखों का सदुपयोग प्रभावी व प्रेरक संचारक और संप्रेषक के रूप में किया जाना आवश्यक है. इसी विचार को क्रियान्वित करते हुए स्पंदन संस्थान यह संवाद कार्यशाला आयोजित की गई है. हालांकि कार्यशाला “नवजात देख-भाल” विषय पर केन्द्रित होगा, लेकिन चर्चा के महत्वपूर्ण मुद्दों में बाल-अधिकार, बचपन की चुनौतियां, बाल-सुपोषण के प्रयास आदि भी शामिल होंगे l इस कार्यशाला में विभिन्न मत-पंथों व सामाजिक-सांस्कृतिक समूहों के प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि, मनोवैज्ञानिक, शिशु विशेषज्ञ, चिकित्सक, बाल व महिला मुद्दों पर कार्यरत स्वैच्छिक संस्थाओं आदि के प्रतिनिधि सहभागी होंगे .
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में कुपोषण के साथ ही नवजात व मातृत्व सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है. इस मुद्दे पर सामाजिक जागरूकता अत्यंत आवश्यक है. सामाजिक जागरूकता में पंथ प्रधानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की अहम् भूमिका हो सकती है.
कृपया सहभागिता के लिए स्थानीय संयोजक श्री नितिन भाटिया से मोबाइल – 95 84 35 4333 पर संपर्क कर आमंत्रण-पत्र प्राप्त कर सकते है. आमंत्रण के आधार पर ही भीगीदारी सुनिश्चित होगी.