युवा पत्रकार देव प्रकाश चौधरी को नेशनल फाउंडेशन ऑफ इंडिया की ओर से 17वें नेशनल मीडिया फैलोशिप का अवार्ड दिया गया है। मूलत: चित्रकार लेकिन पेशे से पत्रकार देव प्रकाश बीएजी, आईबीएन 7 और स्टार न्यूज जैसे इलेक्ट्रानिक मीडिया संस्थानों में काम करने के बाद इन दिनों अमल उजाला दिल्ली में एसोसिएट एडिटर के रूप में काम कर रहे हैं। इस फैलोशिप प्रोग्राम के तहत देव प्रकाश संताल परगना में संताल लड़कियों की शिक्षा और चुनौतियों पर अध्ययन करेंगें कि आखिर क्यों पीछे छूट जाते हैं स्कूल। इससे पहले देव प्रकाश को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की ओर से बिहार की मंजूषा कला पर अध्ययन के लिए फैलोशिप मिल चुकी है। इसके बाद आई इनकी किताब ‘लुभाता इतिहास पुकारती कला’ को कला मर्मज्ञों ने काफी सराहा था। संस्कृति मंत्रालय की ओर से ही मिले एक रिसर्च प्रोजेक्ट के दौरान देव प्रकाश ने झारखंड के संताल लोगों की जादोपेटियन कला पर विस्तृत शोध किया था, जिसपर एक किताब-‘कपूरमूली के फूल पनघट पर’ छपने को तैयार है। लोकनायक अन्ना हजारे और सदी के सबसे बड़े खलनायक ओसामा बिन लादेन पर भी देव प्रकाश किताब लिख चुके हैं। देश की कई महत्वपूर्ण पेंटिंग प्रदर्शनी में भी इनकी हिस्सेदारी रही है। देश और विदेश के प्रकाशन संस्थानों से छपने वाली साहित्यिक किताबों के लगभग 1000 से ज्यादा कवर बना चुके देव प्रकाश इन दिनों फनीश्वर नाथ रेणू की मशहूर कहानी “रसप्रिया” पर बनने वाली एक फीचर फिल्म के लिए संवाद और मशहूर चित्रकार अर्पणा कौर की कला पर एक किताब-‘रंग पहले खुद को रंगता है’ लिख रहे हैं।