देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें।
सूरज हमें रोशनी देता, हवा नया जीवन देती है।
भूख मिटाने को हम सबकी, धरती पर होती खेती है।
औरों का भी हित हो जिसमें, हम ऐसा कुछ करना सीखें।
देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें।।
पथिकों को तपती दुंपहर में, पेड़ सदा देते हैं छाया।
सुगम सुगन्ध सदा देते हैं, हम सबको फूलों की माला।
त्यागी तरुओं के जीवन से, हम ऐसा कुछ करना सीखेंं।
देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें।।
जो अनपढ़ है उन्हें पढ़़ायें, जो चुप हैं उनको वाणी दें।
जो पिछड़े हैं उन्हें बढ़ायें, प्यासी धरती को पानी दें।
हम मेहनत के दीप जलाकर, नया उजाला करना सीखें।
देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें।।