365 बीमारियों को ठीक करता है ये औषधीय पानी

भोपाल शहर के राजा शुक्ला ने 16 तरह की जड़ी-बूटियों से एक खास किस्म का पानी तैयार किया है। इससे सैकड़ों लोगों को फायदा मिल रहा है।

bpl-R2717262-smallआज की व्यस्ततम दिनचर्या में हम अपनी हेल्थ का ख्याल कम ही रख पाते हैं। भागदौड़ से भरी लाइफ में ज्यादातर लोगों को बीमारियों ने घेर रखा है। नतीजा, डायबिटीज, ब्लडप्रेशर, मोटापा जैसी कई बीमारयां 30 वर्ष के बाद होती हैं। भोपाल शहर के प्रोफेसर कॉलोनी में रहने वाले राजा शुक्ला ने 16 तरह की जड़ी-बूटियों को मिलाकर एक खास तरह का पानी तैयार किया है, जो लगभग 365 तरह की बीमारियों को ठीक करता है। इस तकनीक से उनके नानाजी 40 साल पहले यह औषधीय पानी बनाते थे। अब तक इस पानी का लाभ लगभग 1000 लोग ले चुके हैं तथा सैकड़ों इसे पी रहे हैं।

क्या है फॉर्मूला

यह फॉर्मूला लिवर ऑर्गन पर आधारित है, यानी जिस तरह हमारा लिवर औषधि के पाते ही उसमें से तत्व और फाइबर को अलग करता है, उसी तरह इन मशीनों के द्वारा औषधियों से तत्व और फाइबर को अलग किया जाता है। लिवर द्वारा अलग किए गए तत्व चूसक तंत्र के माध्यम से बीमार अंग तक पहुंचते हैं और हम स्वस्थ होते हैं। मशीनों द्वारा बनाया गया औषधि तत्वों वाला यह पानी लिवर के माध्यम से सीधा बीमार अंग तक पहुंचकर तुरंत ठीक करता है।

ऐसे बनता है यह खास पानी

राजा शुक्ला बताते हैं कि 16 तरह की जड़ी बूटियां पचमढ़ी, हरिद्वार, केरल व जम्मू के ऊधमपुर के जंगलों से बुलवाई जाती है। इन जड़ी बूटियों को तीन बार मिनरल वॉटर से धोकर कांच के जार में 30 डिग्री टेम्प्रेचर में 48 से 72 घंटे तक रखा जाता है। इससे जड़ी बूटियों के वो तत्व जो बीमारयों को ठीक करते हैं, अलग होकर पानी में मिल जाते हैं। इसके बाद इस पानी का फाइबर (रेशे) अलग करने के लिए माइक्रोन फिडरेशन मशीन की मदद ली जाती है। इसमें 200 लीटर पानी 80 डिग्री टेम्प्रेचर में दो से ढाई घंटे तक रखा जाता है। इसके बाद दूसरी मशीन पर इस पानी को 60-70 डिग्री टेम्प्रेचर में डेढ़ घंटे के लिए रखा जाता है, जिससे पानी से फाइबर यहां तक कि जड़ी-बूटियों का रंग भी पूरी तरह अलग हो जाता है और बचा हुआ पानी सिर्फ जड़ी बूटियों के उन तत्वों वाला रह जाता है जो बीमारयों को ठीक करते हैं।

अमेरिका में भी यही तकनीक

अमेरिका में लगभग चार साल से संतरे व मौसंबी के जूस की बजाय इनका पानी इसी तकनीक से निकाला जाता है। करोड़ों रुपयों की लागत से बने इस तरह के पानी की सप्लाई यहां खूब होती है। इसी तकनीक से राजा शुक्ला 2010 से यह पानी बना रहे हैं।

कैंसर मरीज और बच्चों को फ्री

राजा शुक्ला बताते हैं कि, हम कैंसर, थैलेसिमिया जैसी गंभीर बीमारयों से लड़ रहे लोगों को एवं पांच साल से छोटे बच्चों के लिए ये पानी फ्री उपलब्ध करवाते हैं। अब तक कई लोगों को इस पानी से कई बीमारियों में लाभ हुआ है।

इन बीमारियों में है असरकारक

  • इस पानी से नजदीक के लिए चश्मा लगाने वालों को 45 दिनों में फायदा होता है।
  • दूर के लिए चश्मा लगाने वालो को दो से तीन साल।
  • मेमोरी पॉवर के लिए दो से तीन साल।
  • शुगर अगर पेंक्रियाज की वजह से है तो लगभग दो साल।
  • शुगर अगर लिवर की वजह से है तो 20 दिन में लाभ मिलने लगता है।
  • मोटापा में 40 दिन में फायदा पहुंचाता है।

साभार: दैनिक भास्कर

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