भारत में छद्म धर्मनिरपेक्षता की राजनीति करने वाली जमात, सनातन धर्म में त्याग के प्रतीक भगवा रंग से भी नफरत करती है, इसीलिए वर्षों तक भगवा आतंक की झूठी कहानी गढ़ने का प्रयास हुआ और उसमें असफल रहने के बाद अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के भगवा …
Read More »आलेख
आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लेने का पर्व, अंधकर पर प्रकाश की विजय का पर्व -दीपावली
भारतीय संस्कृति में कार्तिक माह में मनाए जाने वाले पांच दिवसीय दीपावलीपर्व का विशेष महत्व है। यह एक ऐसा अनूठा पर्व है जो जीवन के दो महत्वपूर्ण पक्षों धर्म तथा अर्थ का संगम है। हिन्दू समाज का जन जन आर्थिक उन्नयन के लिए इस पर्व की गतिविधियों से आच्छादित है …
Read More »मानवता को निगलता आस्था संकट का दावानल
जीवन में आस्था का महात्व सर्वोच्च है। आस्था का सामान्य अर्थ विश्वास की चरम सीमा पर स्थापित हो जाना है। यही विश्वास जीव के जन्म लेते ही उसे अपनी मां के प्रति, फिर परिवार के प्रति और फिर आसपास के लोगों के प्रति जागृत करता है। यहीं से संस्कारों का …
Read More »कुठियाला बहाना हैं, विचारधारा निशाना है
डॉ. अनिल सौमित्र बहाने अलग-अलग रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के निशाने पर एक विचारधारा हमेशा रहा है l कांग्रेस का निशाना वर्षों पुराना है l कांग्रेस का वैचारिक डीएनए भारतीयता विरोधी है l भारतीयता की बात करने वाला व्यक्ति, संगठन और विचार कांग्रेस का स्वाभाविक विरोधी है l समय …
Read More »जैव विविधता क्षेत्रों में छेड़छाड़ से नए संक्रमण का खतरा
उमाशंकर मिश्र Twitter handle : @usm_1984 जैव विविधता क्षेत्रों में छेड़छाड़ के कारण नए संक्रमण का खतरा हो सकता है। पश्चिमी घाट के अन्नामलाई पहाड़ियों के जैव विविधता क्षेत्र में किए गए एक नए अध्ययन के आधार पर भारतीय वैज्ञानिकों ने यह बात कही है। वैज्ञानिकों को अन्नामलाई के जैव …
Read More »‘कर्मवीर’ संपादक माखनलाल चतुर्वेदी
– लोकेन्द्र सिंह आज की पत्रकारिता के समक्ष जैसे ही गोकशी का प्रश्न आता है, वह हिंदुत्व और सेकुलरिज्म की बहस में उलझ जाता है। इस बहस में मीडिया का बड़ा हिस्सा गाय के विरुद्ध ही खड़ा दिखाई देता है। सेकुलरिज्म की आधी-अधूरी परिभाषाओं ने उसे इतना भ्रमित कर दिया है कि …
Read More »प्रभु राम सबके है
– डाॅ. शशि तिवारी मूलतः हम सब धर्म भीरु ही होते है फर्क इतना है कुछ मानते है कुछ नही मानते। लेकिन दिखाते है, लेकिन होते है, उनकी न में भी गहराई मैं हाँ ही होती है भक्त भक्ति के माध्यम से ही अध्यात्मिक शक्ति को प्राप्त करता है। मनोविज्ञान …
Read More »कर्तव्यपरायणता के मूल मंत्र से लक्ष्य भेदन सम्भव
डा. रवीन्द्र अरजरिया राजनैतिक दलों की सरकारों और प्रशासनिक तंत्र के मध्य सहयोगात्मक व्यवहार के साथ-साथ अधिकारों की सीमाओं का भान होना राष्ट्रीय विकास के निर्धारित मापदण्डों का सर्वाधिक महात्वपूर्ण कारक होता है। दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के मध्य हो रही अधिकारों की जंग ने न्यायपालिका को संवैधानिक विवेचना के …
Read More »हिंदूत्व को कांग्रेसी उपहार: “भगवा आतंकवाद” के बाद “हिंदू पाकिस्तान”
प्रवीण गुगनानी विश्व के सुप्रसिद्ध कूटनीतिज्ञ, राजनयिक, शासक व ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने कहा था कि “इतिहास पढ़िए ,इतिहास पढ़िए . इतिहास में ही राज्य चलाने के सारे रहस्य छिपे हैं”. इस बात को यदि हम हम कांग्रेस की भाषा में कहें तो यह बात कुछ इस …
Read More »कांग्रेस अपने गिरेबां में भी तो झांके
– लोकेन्द्र सिंह पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह सहित कांग्रेस के दूसरे नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भाषण-शैली पर आपत्ति दर्ज कराई है। कर्नाटक के हुबली में दिए गए भाषण को आधार बनाकर पत्र में उन्होंने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि वह …
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