भोपाल।
हेल्थ स्वास्थ्य रिपोर्टिंग को सशक्त बनाने के लिए मध्य प्रदेश में क्रिटिकल स्किल्स एप्रेजल प्रोग्राम संचालित किया जाएगा। क्रिटिकल स्किल्स एप्रेजल प्रोग्राम माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय और यूनिसेफ संयुक्त रूप से संचालित करेंगे। यह जानकारी पत्रकारिता विश्वविद्यालय और यूनिसेफ द्वारा क्रिटिकल स्किल्स एप्रेजल पर आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रमकी जूम मीट में दी गई।
माखनालाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति और भारतीय जनसंचार संस्थान के पूर्व
महानिदेशक प्रोफेसर केजी सुरेश भारत में क्रिटिकल स्किल्स एप्रेजल को संचालित करने वाले अग्रणी व्यक्तियों में से एक हैं। उन्होंने जूम मीट में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यूनिसेफ के साथ साझेदारी में मध्य प्रदेश में क्रिटिकल स्किल्स एप्रेजल कार्यक्रम का संचालन कर हमें खुशी होगी। उन्होंने स्वास्थ्य पर मीडिया रिपोर्टिंग के लिए साक्ष्य की आवश्यकता और इसके विश्लेषण के महत्व के बारे में बात की। उन्होंने स्वास्थ्य पर रिपोर्टिंग करते समय सटीकता और निष्पक्षता के महत्व पर जोर दिया। यह क्रिटिकल स्किल्स एप्रेजल कार्यक्रम को मजबूत बनाने और राज्य में स्वास्थ्य रिपोर्टिंग में सुधार में सहायक होगा।
मध्य प्रदेश स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ. संतोष शुक्ला ने स्वास्थ्य विभाग के सभी कार्यों विशेष कर टीकाकरण कार्यक्रम में मीडिया के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि किस तरह मीडिया के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग जनता तक सही जानकारी पहुंचाने में सक्षम हुआ है। उन्होंने टीकाकरण पर सही और सटीक वैज्ञानिक तथ्य के आधार पर रिपोर्टिंग के महत्व और समुदायों तक सही संदेश पहुंचाने में सहायता के मुद्दे पर बात की।
संचार अधिकारी (मीडिया), यूनिसेफ इंडिया, सोनिया सरकार ने बताया कि वर्ष 2014-15 में शुरू हुए पब्लिक हेल्थ जर्नलिज्म ने कम समय में ही प्रतिष्ठा अर्जित कर ली। इससे साक्ष्य आधारित रिपोर्टिंग होने से गलत सूचना तथा भेदभाव से लड़ने में सहायता मिली।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ, यूनिसेफ, मध्य प्रदेश डॉ. वंदना भाटिया ने नवजात देखभाल, टीकाकरण और बचपन की बीमारियों के संकेतकों पर मध्य प्रदेश की प्रगति और चुनौतियों की जानकारी दी।
संचार विशेषज्ञ, यूनिसेफ, मध्य प्रदेश अनिल गुलाटी ने बैठक का समन्वय किया और कहा कि हम राज्य में स्वास्थ्य रिपोर्टिंग के लिए मीडिया के प्रयासों को मजबूत करने में विश्वविद्यालय के साथ मिलकर काम करेंगे। जूम मीट में शिक्षा संस्थानों, मीडिया, मीडिया संस्थानों के लगभग 40 प्रतिभागी शामिल हुएं।